बूढ़े लोगों के लिए पेरासिटामोल 100% सेफ नहीं, हार्ट-गुर्दे समेत इन अंगों में हो सकती है परेशानी
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बूढ़े लोगों के लिए पेरासिटामोल 100% सेफ नहीं, हार्ट-गुर्दे समेत इन अंगों में हो सकती है परेशानी

Paracetamol Disadvantages: बुखार की दवा पेरासिटामोल के कई साइड इफेक्ट्स हैं. खासतौर पर बुजुर्ग लोगों को इसका सेवन बहुत सोच समझकर करना चाहिए. 

बूढ़े लोगों के लिए पेरासिटामोल 100% सेफ नहीं, हार्ट-गुर्दे समेत इन अंगों में हो सकती है परेशानी

अक्सर हल्के बुखार या दर्द से राहत के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पेरासिटामोल दवा बूढ़े लोगों के लिए सेफ नहीं है. इसके सेवन से डाइजेशन, हार्ट और किडनी संबंधित गंभीर परेशानियां हो सकती है. यह दावा ब्रिटेन के नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नई स्टडी में किया गया है.

स्टडी के अनुसार, 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों में इस दवा के सेवन से आंत, हार्ट और गुर्दे से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. साथ ही इसके लंबे समय तक उपयोग से डाइजेशन सिस्टम में अल्सर और ब्लीडिंग की समस्याएं पैदा हो सकती है. 

1 लाख से ज्यादा लोगों पर हुई स्टडी

शोधकर्ताओं ने अपनी स्टडी में 1,80,483 वृद्ध व्यक्तियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का विश्लेषण किया, जिन्हें बार-बार पेरासिटामोल दी गई थी. इसके बाद, इन रिपोर्टों की तुलना 4,02,478 अन्य वृद्ध व्यक्तियों से की गई, जिन्हें कभी पेरासिटामोल नहीं दी गई थी. इस विश्लेषण के परिणामों ने पेरासिटामोल के सेवन से जुड़ी कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खुलासा किया.

24-36 प्रतिशत तक बढ़ जाता है हेल्थ इश्यू

एक्सपर्ट ने पाया कि पेरासिटामोल के सेवन से पाचन संबंधी गंभीर समस्याएं बढ़ सकती हैं, जिनमें पेप्टिक अल्सर की संभावना 24 से 36 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. इसके अलावा, गुर्दे के रोग का खतरा 19 प्रतिशत और दिल का दौरा पड़ने का खतरा 9 प्रतिशत बढ़ सकता है. जबकि हाई बीपी का खतरा भी 7 प्रतिशत तक बढ़ सकता है.

क्या पेरासिटामोल सेफ नहीं?

पेरासिटामोल को आमतौर पर हल्के बुखार, दर्द या अस्थियों से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए प्रभावी और सुरक्षित माना जाता है. लेकिन स्टडी के परिणामों ने पेरासिटामोल के लंबे समय तक यूज पर सवाल खड़े कर दिए हैं. 

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एक्सपर्ट की राय

नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रमुख अनुसंधानकर्ता, वेया झांग ने कहा कि पेरासिटामोल को कथित तौर पर सुरक्षित माना जाता है और इसे कई उपचार दिशानिर्देशों में प्राथमिक दवा के रूप में अनुशंसित किया गया है. विशेष रूप से वृद्ध लोगों में, जिनमें दवाओं से पैदा होने वाली जटिलताओं का जोखिम सबसे ज्यादा होता है, यह दवा एक सामान्य विकल्प मानी जाती है. लेकिन हमारे अध्ययन ने यह दिखा दिया है कि लंबे समय तक इसका उपयोग इन लोगों में गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है.

-एजेंसी-

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

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